महाबलीपुरम का रथ मंदिर क्यों ले जाता है महाभारत काल में

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Rath Mandir Mahabalipuram

भारतवर्ष में सनातन धर्म (Sanatan Dharm)सनातन सभ्यता संस्कृति (Sanatan Sabhyata Sanskriti) की झलक हमें जगह जगह देखने को मिलती है। भारतवर्ष के किसी भी भाग में हम चले जाएं वहां हमें ईश्वर या देवी की प्राचीन मूर्ति या फिर मंदिर देखने को मिल ही जाते है और फिर भारत ही क्यों दुनिया के किसी भी हिस्से में हम चले जाएँ वहां हमें सनातन धर्म के चिन्ह मिलते रहे है। वे पहचान धार्मिक होने के साथ ही सांस्कृतिक चिन्हों की भी हमें स्मृति दिलाती है।



विधर्मी आक्रांताओ ने सनातन धर्म को मिटाने की भरसक कोशिश की थी


हालांकि सनातन धर्म के विधर्मी आक्रांताओों ने मिटाने की भरसक कोशिश की थी। उन्हें तोडा ताकि सनातन धर्म मिट जाएं पर बावजूद इसके अनेक स्मृतियां उन विधर्मियों की क्रूरता को झेलते हुए आज भी उपस्थित है। भारतवर्ष की ऐसी ही एक धार्मिक कृति हमें महाबलीपुरम (Mahabalipuram) में देखने को मिलती है।


Rath Mandir Mahabalipuram
फोटो क्रेडिट: रिति तनेजा (कथक नृत्यांगना)

महाबलीपुरम दक्षिण भारत का एक शहर है


महाबलीपुरम भारत के दक्षिण क्षेत्र का एक शहर है। यह बंगाल की खाड़ी (समुद्र) के तट पर स्थित है, जो तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से लगभग 55 किलोमीटर दूर है।



महाबलीपुरम के इस मंदिर को रथ मंदिर, पांच रथ मंदिर, पंचरत्न या पांडव रथ नामों से जाना जाता है


अब अगर इस मंदिर के नाम की बात करें तो इस मंदिर को कई नामों से जाना जाता है। इस मंदिर को रथ मंदिर (Rath Mandir, पांच रथ मंदिर (Panch Rath Mandir), पंचरत्न या पांडव रथ (Pandav Rath) नामो से जाना जाता है। यह पंच रथ मंदिर स्थापत्यकला का प्रतिक है।


Panch Rath Temple History
फोटो क्रेडिट: रिति तनेजा (कथक नृत्यांगना)

रथ मंदिर का निर्माण कब और किसने किया


रथ मंदिर को सातवीं सदी के शासक पल्लव वंश राजा नर्सरी बर्मन प्रथम ने बनाया था जबकि महाबलीपुरम नगर को बसाने का श्रेय भी उन्ही को जाता है। महाबलीपुरम के पंच रथ मंदिर को वर्ष 1984 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया है।


Rath Mandir Mahabalipuram
चित्र: रिति तनेजा (कथक नृत्यांगना)

रथ मंदिर की बनावट


अब यदि प्रवेश द्वार से अंदर जाया जाएं तो सबसे पहला रथ मंदिर जो आता है, वह है द्रौपदी रथ (Draupadi Rath), उसके बाद अर्जुन रथ (Arjun Rath) फिर तीसरा भीम रथ (Bhim Rath) तो चौथा युधिष्ठिर रथ (Yudhishthir Rath) है और अंत में नकुल-सहदेव रथ (Nakul Sahdev Rath Nandir) है। इसके अलावे यहां पर हाथी, शेर और बैल की भी मूर्तियां है। इस तरह यहां तीन आकृतियां पशुओं की है तो शेष पांच आकृतियां पांडवों के रथ की है।


Rath Mandir Mahabalipuram
चित्र: रिति तनेजा (कथक नृत्यांगना)

रथ मंदिर किस पत्थर का बना हुआ है


पांचो रथ (Pancha Rathas) ग्रेनाइट शिलाखंड है यानि इन्हे केवल तरासा गया है, चट्टानों में केवल काट छांट ही की गई है। कहने का अर्थ यह है कि इन्हे कही और से लाकर रथ का रूप नहीं दिया गया है बल्कि ये चट्टान, जो पहले से ही यहाँ उपस्थित थे, उन्हें ही काट-छांट कर रथ का रूप दे दिया गया है। अब यही कारण है कि ये बहुत ही मजबूत है। यहां ये बातें ध्यान देने वाली है कि इन पत्थरो को किसी प्लास्टर करके नहीं जोड़ा गया है बल्कि यहां के चट्टानों को ही काट-छांट कर उन्हें रथ व जानवरो की आकृति दे दी गई है।



महाबलीपुरम में शोर मंदिर भी है


महाबलीपुरम में केवल रथ मंदिर ही नहीं है, बल्कि यहां कई अन्य ऐतिहासिक मंदिर भी है। जिनमे शोर मंदिर (Shor Mandir Mahabalipuram) प्रमुख है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है।


Rath Mandir Mahabalipuram
चित्र: रिति तनेजा (कथक नृत्यांगना)

पंच रथ मंदिर कैसे पहुँचे (How to reach Panch Rathas Temple)


महाबलीपुरम पहुंचने के लिए पहले आपको चेन्नई जाना होगा क्योकि महाबलीपुरम में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। इसलिए यहां पहुंचने के लिए पहले आपको चेन्नई जाना होगा। चेन्नई से सड़क मार्ग से महाबलीपुरम जाने की सड़के चौड़ी और साफ है इसलिए यहां की यात्रा मन को सुकून देने वाली है। अगर दुरी की बात करें तो चेन्नई से महाबलीपुरम (Chennai to Mahabalipuram Temple) लगभग 55 किलोमीटर दूर है और चेन्नई से दक्षिण दिशा की ओर स्थित है।



चेन्नई रेलवे स्टेशन का आधिकारिक नाम अब 'पुराची थलाइवर डॉ एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन' है


चेन्नई रेलवे स्टेशन का आधिकारिक नाम अब चेन्नई नहीं रहा है बल्कि अब चेन्नई रेलवे स्टेशन 'पुराची थलाइवर डॉ एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन' के नाम से जाना जाता है। इसका नाम 2019 में बदला गया था। स्टेशन के बाहर आपको यही नाम लिखा हुआ दिखेगा। चेन्नई सेन्ट्रल नाम से पहले यह मद्रास सेंट्रल के नाम से जाना जाता था। इस स्टेशन का नाम बड़ा होने के कारण इसे लोग 'डॉ एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन' (M.G. Ramachandran Central Railway Station) से भी पुकारते है।


Rath Mandir Mahabalipuram
चित्र: रिति तनेजा (जानी-मानी कथक नृत्यांगना)

महाबलीपुरम का रथ मंदिर बंगाल की खाड़ी (समुद्र) के किनारे स्थित है


महाबलीपुरम का यह पंचरत्न मंदिर (Panchratan Mandir Mahabalipuram) समुद्र के बिलकुल पास स्थित है। यह समुद्र बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) के नाम से जाना जाता है। तो यात्रा के अंत में यहां आना न भूले, यहां आने पर आप सचमुच बहुत अच्छा महसूस करेंगे!


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लेखक :

राजीव सिन्हा

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