दो भूत - A Horror Comedy Short Movie Story

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दो भूत - Horror और Comedy पर आधारित Short Film Story
चित्र में: स्वयं लेखक राजीव सिन्हा दो नकली भूतो के साथ !


Hindi Short Film Script - "Do Bhoot"


Makers can contact us for this short film script based on a horror comedy.


कलाकार - गजोधर, चुटकी लाल, बहरू (कम सुनने के कारण), अन्य सहयोगी कलाकार



गजोधर को एक कमरा चाहिए था। इसलिए वह एक कमरे की तलाश में भटक रहा होता है, तभी उसकी नजर बहरू पर पड़ जाती है। गजोधर को नहीं मालुम होता है कि बहरू को कम सुनाई पड़ती है।


गजोधर - भाई साहब ! यहाँ रहने के लिए कमरा मिलेगा क्या ?


बहरू - कपड़ा यहाँ कहाँ मिलेगा ! कपड़ा लेना है तो बाजार जाओ ........


इसी तरह दोनों के बीच बातचीत चलती है। बाद में गजोधर को पता चलता है कि वह कान से कम सुनता है और इसी कारण उसका नाम बहरू है। बहरू गजोधर को लेकर चुटकी लाल के पास आता है। चुटकी लाल का नाम चुटकी लाल इसलिए पड़ा है क्योकि वह तम्बाकू खाने के बाद किसी भी काम को चुटकी बजाकर कर देता है। जब गजोधर ने चुटकी लाल से कमरा दिलाने के लिए उससे कहा तो उसने कहा कि उसका दिमाग तब चलता है जब वह तम्बाकू खायेगा। अब गजोधर के पास तो तम्बाकू था नहीं इसलिए बेचारा कमरा किराये पर लेने के लिए दूकान से तम्बाकू खरीदता है और उसे चुटकी लाल को देता है। चुटकी लाल तम्बाकू खाकर थूकता है फिर खूब सोचता है और तुरंत चुटकी बजाकर कहता है।


चुटकी लाल - बन गया


गजोधर - क्या बन गया ?


चुटकी लाल - काम बेटा काम ... गजोधर, कमरा पास में ही है और किराए भी कम है .......


गजोधर - अच्छा


चुटकी लाल - पास में होने से हम दोनों भी तुम्हारे पास आया जाया करेंगे ?


गजोधर - लेकिन ? आप ... मेरा मतलब है आप दोनों क्यों आया करेंगे ?


चुटकी लाल - अरे क्यों नहीं आएंगे ! हम तुम्हारे पडोसी ठहरे .... अब हम नहीं आएंगे तो और कौन आएगा .....!!


गजोधर उन दोनों से थोड़ा चिढ़ते हुए हां बोल देता है क्योकि उसे कोई कमरा नहीं मिल रहा होता है।


इस तरह गजोधर कमरे को किराये पर ले लेता है। कमरा अच्छा होता है और गजोधर उसमे मजे से रहने लगता है। दो दिन तो उसे कोई दिक्क्त नहीं आती है। वे दोनों भी उससे मिलने नहीं आते है। गजोधर खुश होता है।


गजोधर - (अपने आप से) दो दिन हो गए। अच्छा हुआ वे दोनों नमूने मेरे पास नहीं आये!


लेकिन तीसरी रात को अचानक से उसे दो आदमी की आवाजे सुनाई पड़ी। ऐसा लगा कि वे दोनों आपस में बातें कर रहें है। गजोधर चौक गया। उसे लगा कि कही कोई चोर तो नहीं घुस गया है या उसने बाहर का दरवाजा तो बंद करना नहीं भूल गया है। यह सोचकर वह डरते हुए अपने कमरे से बाहर आया। वह बरामदे में गया। हर ओर देखा मगर उसे कोई भी नहीं दिखा। घर से बाहर निकलने वाला मुख्य दरवाजा भी अंदर से बंद होता है।


गजोधर फिर सोने चला गया। लेकिन उसे फिर से दो आदमी की नाक से बाते करते हुए आवाजे आयी। इस बार आवाज ज्यादा क्लियर थी। गजोधर जब ध्यान से उन आवाजों को सुना तो उसे वे आवाजे पहचानी सी लगी। वे आवाजे चुटकी लाल और बहरू की थी। उनकी आवाजे बाथरूम से भी आ रही थी। शायद वे स्नान करने की तैयारी कर रहे थे।


इस बार गजोधर डर गया क्योकि उनकी आवाजे साफ़ थी। उसे लगा इस घर में कोई भूत रहता है मगर वे दोनों आवाजे तो चुटकी लाल और बहरू की थी।


गजोधर सोचता है, क्या वे दोनों भूत थे......! वह हिम्मत करके कमरे के बाहर आता है तो उन्हें दोनों मिल जाते है।


गजोधर-(चौंककर)अरे ये क्या! आप दोनों इतनी रात को! और यहाँ कैसे ..... दरवाजा तो अंदर से बंद है फिर ......???


वे दोनों गजोधर को बतलाते है कि वे कल ही मर गए है और मरने के बाद अभी तक स्नान भी नहीं किया है इसलिए वे दोनों उसके बाथरूम में स्नान करने के लिए आये हुए है ......स्नान करने के बाद वे दोनों खाना भी खाएंगे! वे दोनों गजोधर से कहते है कि अब तुम अपने आपको अकेला मत समझना हम दोनों भी तुम्हारे साथ है और हाँ अब घर में ताला भी लगाकर मत जाना हम दोनों तुम्हारे घर की रखवाली करेंगे!


वे दोनों गजोधर को लोभ देते है कि वे जितना खाएंगे उससे कई गुना अधिक सामान उसके घर में ला देंगे !


अब गजोधर के घर में वे दोनों खाने पिने का सामान लाने लगते है लेकिन गजोधर को नहीं मालुम था कि वे दोनों बगल में रह रहे मकान मालिक शर्मा जी के घर से सामान चुरा कर उसके यहाँ ला रहें है! जब शर्मा जी को शक हुआ तो उसने गजोधर के घर की लताशी ली !


गजोधर उसे बतलाता है कि वह सामान उसने नहीं बल्कि चुटकी लाल और बहरू के भूतो ने चोरी की है! गजोधर शर्मा जो को उन दोनों भूतो को भी दिखाता है जो ठीक उसके बगल में खड़े होते है मगर वे दोनों शर्मा जी को दिखाई नहीं पड़ते है!


तभी गजोधर को एक आइडिया आया वे जल्दी से एक रस्सी से दोनों भूतो को बांध देते है और शर्मा जी को कहते है वह इन पर लाठी चलाये ! शर्मा जी को तो लगता है कि वह लाठी हवा में चला रहें है मगर असल में वह लाठी दोनों भूतो के ऊपर पड़ रहे होते है और दोनों दर्द से चिल्ला रहे होते है! अंत में गजोधर उन्हें छोड़ देता है ! गजोधर के छोड़ते ही दोनों लगड़ाते हुए बोलते है कि अब दोबारा वे दोनों उसके घर में आना तो दूर उसके घर की ओर भी नहीं देखेंगे ! गजोधर के घर से दोनों भूत लगड़ाते हुए भाग जाते है!



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Script Duration: 10 Minutes (Approximately)


Full Script Price:   ₹1,500       ₹3,000   with 50% Off 


For business enquiry,

Rajiv Sinha

(Delhi-based Writer/Author)

Mo. +91-8882328898


Screenwriters Association (SWA), Mumbai Membership No: 59004


(सर्वाधिकार लेखक के पास सुरक्षित है। इसका किसी भी प्रकार से नकल करना कॉपीराईट नियम के विरुद्ध माना जायेगा।)

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