हिंदी के नए लेखक

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हिंदी में कई महान लेखक व लेखिका रहें है। उन्होंने हिंदी को समृद्ध करने में अपनी भूमिका बड़े ही निष्ठा से निभाया भी है। लेकिन बीते हुए कुछ दशक हिंदी के लिए अच्छा नहीं रहा। कारण कई है मगर अच्छी बात यह है कि अब हिंदी फिर से समृद्ध होने लगी है। आने वाला कल अंग्रेजी का नहीं बल्कि हिंदी का होगा। 2014 से पहले हिंदी वेबसाइट की संख्या नहीं के बराबर थी। हिंदी सामग्री की बहुत कमी थी मगर अब स्थिति लगातार बदलती जा रही है और अब वर्तमान समय के साथ साथ भविष्य में भी हिंदी का ही बोलबाला रहने वाला है।


हिंदी किस प्रकार देश भर में जन जन की भाषा बनती जा रही है। उसे इन आकड़ो से अधिक समझा जा सकता है। हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 44 प्रतिशत जनसंख्या हिंदी बोलती है जबकि नए जनगणना के अनुसार यह बढ़कर लगभग 54 प्रतिशत हो गयी है।


इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि आने वाला समय हिंदी का है। हालांकि अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले लोगो को ये आकड़े आश्चर्यचकित कर सकते है मगर यह एक सच है और सच को स्वीकार करने में ही समझदारी है।


अब हिंदी के लेखको को न केवल राष्ट्रीय बल्कि बड़े बड़े अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कारो से भी सम्मानित किया जा रहा है। इसी कड़ी में वर्ष 2022 में हिंदी की जानी मानी लेखिका गीतांजलि श्री को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गीतांजलि श्री बुकर पुरस्कार जीतने वाली दुनिया की पहली हिंदी लेखिका बन गई है।


भारत के 9 राज्य हिंदी प्रदेश है, जिसमें बिहार, उत्तरप्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, उत्तराखंड, झारखण्ड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ का नाम आता है जबकि भारत के ऐसे कई राज्य भी है जहाँ हिंदी नहीं भी बोली जाती है, वहां भी लोग आसानी से हिंदी समझते है, ऐसे राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना प्रमुख है। इसके अलावे ऐसे कई गैर हिंदी प्रदेश है, जहाँ के लोग आपको आसानी से हिंदी बोलते और हिंदी समझते दिखेंगे।


इसलिए इतना तो कहा ही जा सकता है कि लोगो को, बड़े बड़े कंपनियों को अपने कंटेंट्स हिंदी में ही लाने का प्रयास करना चाहिए क्योकि हिंदी जन जन की भाषा है और इससे वह अधिक लोगो तक अपनी बातो को पहुंचा सकते है।


New Hindi Writers

अब बात करते है (New Hindi Writers In India) नए दौर के नए हिंदी लेखकों की। अब अगर नए दौर के हिंदी लेखकों की बात करें तो गीतांजलि श्री, पंकज दुबे, अंकिता जैन, राजीव सिन्हा जैसे कुछ ऐसे नाम है, जो आज के दौर के जाने माने लेखक / लेखिका हैं। इन नामो में एक नाम है गीतांजलि श्री का, जो निश्चित ही एक वरिष्ठ लेखिका है। उन्हें कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कारो से सम्मानित भी किया जा चुका है। अंकिता जैन भी पुरुस्कारो से सम्मानित लेखिका है।


Rajiv Sinha

लेकिन नए हिंदी लेखकों में एक नाम (New Hindi Writer Rajiv Sinha) राजीव सिन्हा का भी आता है। राजीव सिन्हा जीवन के घोर संघर्षो के बीच एक उभरता हुआ लेखक (a budding writer) माने जाते है। अब यदि बात करें उनकी लेखन शैली की तो बता दें राजीव सिन्हा (Author Rajiv Sinha) की लेखन शैली बेजोड़ मानी जाती है। उनका लिखा उपन्यास (Hindi Novel) पाखी कुछ वर्षो पहले पब्लिश्ड हुआ था। वास्तव में, वह नॉवेल एक लड़की के जीवन पर आधारित सच्ची कहानी से प्रेरित थी, जिसमें एक युवा लड़की की विशेषकर बड़े घर के माहौल में पले बढे लड़की की जीवन शैली व सोच समझ को दर्शाया गया था।



Writers from Delhi


राजीव सिन्हा नए दौर के नए हिंदी लेखक है। राजीव सिन्हा (New Writers from Delhi) दिल्ली में रहते है। राजीव सिन्हा आम जनमानस के आग्रह पर उनकी जीवनी लिखते है। इसके अलावे राजीव सिन्हा स्क्रिप्ट राइटिंग भी करते है और उनकी लिखी हुई कई शार्ट फिल्म के वीडियो यूट्यूब पर देखे जा सकते है। राजीव सिन्हा बड़ी हिंदी फिल्म (Big Length Movie), शार्ट फिल्म (Short Film), वेब सीरीज (Web Series) की स्टोरी, स्क्रिप्ट भी लिखते है।


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Rajiv Sinha is an emerging writer in Hindi; he writes biographies at the request of common people, and he also does script writing for films, web series, and short films.

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