
उत्तर प्रदेश की बरसाना (Barsana) स्थित कृति मंदिर का नाम महादेवी राधा की माता के नाम पर पड़ा है। देवी राधा (Devi Radha) की माता का नाम कृति था। कृति मंदिर (Kirti Mandir) प्रेम मंदिर के जैसा ही क्योकि यह भी कृपालु महाराज की संस्था के द्वारा ही बनाया गया है। संध्या के समय इस मंदिर की सुंदरता के क्या कहने ! यह मंदिर पूरी तरह से संगमरमर से बनाया गया है। मंदिर का निर्माण इटालियन संगमरमर से किया गया है और इसके गुंबदों पर 22 स्वर्ण कलश लगे हुए हैं। इस मंदिर में राधा और कृष्ण (Radha-Krishna) के जीवन के दृश्यों को दर्शाती हुई अनेक जटिल नक्काशी और भित्ति चित्र भी देखने को मिलते है। कीर्ति मंदिर लगभग 13,200 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस मंदिर में नागर और द्रविड़ दोनों वास्तुकला के डिजाइन वाली शैलियां देखने को मिलती हैं।

कीर्ति मंदिर वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण हैं
अगर बात करें, मंदिर (Mandir) की सुंदरता की तो। यही कहा जा सकता हैं कि आधुनिक काल में बने इस मंदिर की बनावट शैली का कहना ही क्या ! बस, आंखे खुली रह जाती हैं। ऐसी बेजोड़ कलाकारी आधुनिक समय के निर्मित मंदिरो में कम ही देखने को मिलती हैं। संध्या के समय इस मंदिर की सुंदरता के क्या कहने ! यह मंदिर पूरी तरह से संगमरमर (Marble) से बनाया गया है। मंदिर (Radha Rani Temple) का निर्माण इटालियन संगमरमर से किया गया है और इसके गुंबदों पर 22 स्वर्ण कलश लगे हुए हैं। इस मंदिर में राधा और कृष्ण के जीवन के दृश्यों को दर्शाती हुई अनेक जटिल नक्काशी और भित्ति चित्र भी देखने को मिलते है। कीर्ति मंदिर लगभग 13,200 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस मंदिर में नागर और द्रविड़ (Nagar Aur Dravid Shaili) दोनों वास्तुकला के डिजाइन वाली शैलियां देखने को मिलती हैं।

बरसाना महादेवी राधा की जन्मभूमि हैं
कीर्ति मंदिर की आधारशिला कृपालु जी महाराज ने 2006 में रखी थी जबकि मंदिर का उद्घाटन 10 फरवरी 2019 को वसंत पंचमी के दिन हुआ था। मंदिर का प्रबंधन वर्तमान में कृपालु परिषद द्वारा किया जाता है। कीर्ति मंदिर में प्रेम मंदिर (Prem Mandir) की भांति ही राधा रानी की बाल लीलाओ को दर्शाया गया है। माना जाता हैं कि कीर्ति मंदिर ही वह स्थान हैं जहाँ महादेवी राधा ने अपना बचपन बिताया था। देवी राधा (Radha Rani) का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। कृति मंदिर बरसाना का विशेष मंदिर है जो देवी राधा और उनकी माँ को समर्पित है। यह मंदिर रंगीली महल परिसर में स्थित है।

कीर्ति मंदिर में महादेवी राधा अपने बाल स्वरुप में विराजती हैं
कीर्ति मंदिर में महादेवी राधा (Mahadevi Radha) अपने बाल स्वरुप में अपनी माँ की गोद में बैठी दिखती है। यानि मंदिर में जो मुख्य प्रतिमा बीच में स्थित है, वह देवी राधा की माता (Devi Radha Ki Mata) कृति की है जबकि उनकी गोद में छोटी सी राधा बैठी हुई दिखती है। मुख्य प्रतिमा के अगल बगल राधा-कृष्ण और सीता-राम की प्रतिमा है जबकि मंदिर के दरवाजे के दोनों ओर देवी राधा की अष्ट सखियां, देवी राधा को दूर से निहारती हुई जान पड़ती है।

बरसाना कैसे पहुंचे?
बरसाना, ब्रज भूमि का ही एक हिस्सा है। बरसाना मथुरा (Barsana, Mathura, UP) से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। मथुरा में देश का एक बड़ा रेलवे स्टेशन है, जो राजधानी दिल्ली सहित देश के कई छोटे-बड़े और मंझोले शहरो से जुड़ा हुआ है। इसलिए यहां ट्रेन से आसानी से पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग से भी यहां जाय जा सकता है क्योकि मथुरा दिल्ली-मथुरा हाइवे पर स्थित है। इसलिए यहां सड़क मार्ग से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है।

बरसाना, उत्तर प्रदेश के मथुरा के पास है
अब बात आती है मथुरा से बरसाना कैसे पहुंचे ! तो मथुरा से बरसाना के लिए उत्तर प्रदेश की कई पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Public Transport) उपलब्ध है। सरकारी बस से लेकर प्राइवेट टैक्सी (Private Taxi) जैसी सभी सुविधा भी यहां उपलब्ध है, जिससे देश के किसी भी भाग से आसानी से बरसाना पहुंचा जा सकता है। तो देरी किस बात की, इस बार बरसाना जानें की योजना आप भी बना ही लीजिये ! राधे राधे !

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लेखन :
राजीव सिन्हा