संघर्ष के बाद उजाला है — कथन को सच करती करनाल की कथक नृत्यांगना रिति तनेजा

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कथक नृत्यांगना रिति तनेजा
समारोह में पदक लेती रिति तनेजा

जीवन में आगे बढ़ना कौन नहीं चाहता है। कई ऐसे लोग होते है जो करियर तो किसी और क्षेत्र में बनाये होते है पर उनके ह्रदय में कुछ और बनना होता है। किसी मजबूरीवश वे अपने पसंदीदा क्षेत्र में अपना करियर नहीं बना पाते है। अगर स्त्रियों की बात करें तो विवाह के पूर्व वे अपने हृदय में कई सपनों को संजोये होती हैं पर विवाह के बाद उन्हें ससुराल के नियमों, रिति रिवाजो और पति की इच्छा के कारण उन सपनों को कुचलना पड़ता है। ये बातें कई स्त्रियों के साथ लागू होती है।


हालांकि कई स्त्रियां ऐसी भी होती है जो देर से ही सही मगर अपने सपनों को उड़ान देने में सफल हो जाया करती है। लेकिन एक सच यह भी है कि ऐसी स्त्रियों में ज्यादातर संपन्न घरो से आती है पर छोटे से शहर में रहने वाली एक मध्यम वर्गीय परिवार की स्त्रियां जो विवाह उपरांत बच्चे की माँ बन चुकी हो, उनके लिए अपने सपनों को उड़ान देना बहुत ही कठिन है। अपनी हॉबी को करियर का रूप देना जीवन का एक चुनौतीपूर्ण काम है और यह काम और भी तब कठिन हो जाता है जब उन्हें पति का भी विरोध सहना पड़ रहा हो।


कौन है रिति तनेजा ?


ऐसे ही तुफानो से लड़ते हुए जीवन पथ में लगातार आगे बढ़ने वाली एक युवा स्त्री है, जिनका नाम है रिति तनेजा। घर की चार दीवारी जिंदगी की सुरक्षा तो देती है पर कई बार ये बंदिशे स्वप्न रूपी पंक्षी के पर कतरने का भी कार्य करती है। एक मिडिल क्लास सिटी की मिडिल क्लास फैमिली की स्त्रियों के लिए तो उन्हें लांघने का अर्थ है परिवार में विद्रोह करना।


करनाल की रहने वाली रिति तनेजा की जीवनी ऐसे ही संघर्ष भरी है, जो दुसरो के लिए या यूँ कहें विशेषकर स्त्रियों के लिए प्रेरणादायी है। शास्त्रीय नृत्य कत्थक में अपनी पहचान बनाने के मार्ग पर अग्रसर नृत्यांगना रिति तनेजा की जीवनी प्रेरणादायी है, जिन्होंने जीवन की कठिनाइयों से हार मानना नहीं सीखा है ।


कथक के क्षेत्र में उनकी महान उपलब्धि को देखते हुए हाल ही में करनाल का एक प्रतिष्ठित विद्यालय आर पी एस इंटरनेशनल ने उन्हें पदक देकर सम्मानित किया है। इस अवसर पर अपनी राय देते हुए उपस्थित सभा में रिति तनेजा ने कहा कि अगर आप सपने देखते है तो देखिये मगर उन सपनो को सच करने की भी इच्छाशक्ति अपने भीतर जरूर जागृत करना सीखे, तभी आप दुसरो के लिए प्रेरक बन सकते है।



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लेख :

राजीव सिन्हा

(Delhi-based Writer/Author)

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