
स्पिक मैके का 10th अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (Spic Macay 10th International Convention) आईआईटी हैदराबाद में हुआ। कार्यक्रम में कथक नृत्यांगना रिति तनेजा ने भी लिया भाग। सप्ताह भर तक चलने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन 26 मई, 2025 से लेकर 01 जून, 2025 तक हैदराबाद में आईआईटी संस्थान में किया गया। हरियाणा चैप्टर की ओर से राज्य की जानी-मानी कथक नृत्यांगना (Kathak Dancer), करनाल की रहने वाली रिति तनेजा भी इसमें शामिल हुई। रिति तनेजा (Riti Taneja) के साथ उनकी एक प्रमुख सहेली आँचल (Aanchal) भी आयोजन का हिस्सा बनी।

आईआईटी हैदराबाद (IIT Hyderabad) में आयोजित इस वर्ष के सम्मेलन में भारत और विदेश से लगभग 1,500 युवा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्घाटन तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा द्वारा किया गया।

क्या है स्पिक मैके (Spic Macay)
स्पिक मैके (Spic Macay) एक ऐसी स्वैच्छिक संस्थान है, जिसको युवाओं के बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। यह सस्थान युवाओं के बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

इस संस्था की स्थापना डॉ किरण सेठ द्वारा वर्ष 1977 में किया गया था। यह संस्था देश के विभिन्न क्षेत्रों व विभिन्न कलाओं से संबद्ध चेहरों को एक मंच प्रदान करता है। वैसे भी आजकल के भागदौड़ से भरे जीवन में कम ही समय होता है कि लोग आपस में एक स्थान पर इकट्ठे होकर एक दूसरे से मिलें। जब मिलना होगा तो एक दूसरे के साथ जान पहचान भी बढ़ेगी और फिर आगे बढ़ने का मार्ग भी मिलेगा।

जिस प्रकार ठहरा हुआ पानी एक समय के बाद सूख जाता है उसी प्रकार कोई कितना भी प्रतिभावान क्यों न हो अगर वह सब से मिलना जुलना बंद कर दें तो उसकी प्रतिभा एक गुमनाम पर दुःखद स्मृति बन कर रह जाया करती है।

स्पिक मैके का उद्देश्य
स्पिक मैके का मूल उद्देश्य भारतीय छात्रों को देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत से जोड़कर औपचारिक शिक्षा की गुणवत्ता को समृद्ध करना है। इस तरह अगर संक्षेप में कहें तो, स्पिक मैके का प्रमुख उद्देश्य देश की सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ाना, देश की विरासत का संरक्षण करना एवं कलाकारों में कला के लिए प्रेरणा भरना हैं।

स्पिक मैके दूसरे आयोजन से है भिन्न, हिंदुत्व संस्कृति की झलक दिखती है इनमें
स्पिक मैके द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की एक प्रमुख विशेषता यह भी कही जा सकती है कि इनमें हिंदुत्व (Hindutva) को बढ़ावा देने के लिए छात्रों को गुरुकुल जैसे वातावरण में रहना रहने को दिया जाता है। इसमें भाग लेने वाले कलाकारों को सप्ताह भर तक गुरुकुल जैसे वातावरण में रहना होता है। उन्हें गुरुकुल परंपरा (Gurukul Parampara), जो हमारी शिक्षा प्रणाली की प्राचीन पहचान रही है, का पालन करना अनिवार्य होता है।
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लेख :
(Writer)
Bahut acha..👏👏
जवाब देंहटाएंAise hi hamesha aage badhiye.....
Mata rani ka aashirwad hamesha bana rahe 🙏🏻🙏🏻