Panchang- "The Hindu Calendar" (पंचांग- एक हिंदू कैलेंडर है)
जिस प्रकार अंग्रेजी महीनों की श्रृंखला को हम कैलेंडर कहते है, ठीक उसी प्रकार हिन्दू माह वाले समय-गणना प्रणाली को पंचांग कहा जाता है। अर्थात पंचांग हिन्दू कैलेंडर है। पंचांग का अर्थ है, पांच अंग। अर्थात हिन्दू पंचांग में पांच मुख्य भाग होते है, जिन्हे बिना ठीक से समझें पंचांग को समझना थोड़ा कठिन है। इसलिए यहाँ हम उन्हें समझेंगे।
अंग्रेजी महीने जहाँ सौर गणना पर आधारित है वही हिंदू महीना चंद्र गणना पर आधारित होता है। हिंदू पंचांग के पांच अंग है, ये है - तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार। इन्ही पांचो अंगो से पूरा हिंदी कैलेंडर अर्थात पंचांग बनता है। जहाँ अंग्रेजी कैलेंडर में नया साल जनवरी महीना से आरम्भ होता है वही हिंदू पंचांग में वर्ष का पहला महीना चैत्र होता है। उसी प्रकार जहाँ अंग्रेजी कैलेंडर में साल का अंतिम महीना दिसंबर होता है तो वही हिंदू पंचांग में वर्ष का अंतिम मास फाल्गुन होता है।
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पंचांग कैसे देखी जाती है ? पंचांग की जानकारी - Hindu Panchang Calendar
हिंदू पंचांग में एक वर्ष में कुल 12 मास होते है। प्रत्येक मास दो पक्षों का होता है। चन्द्रमा की कला की घटने बढ़ने वाले दो पक्ष का जो माह होता है वही चंद्रमास कहलाता है। यही कारण है कि हिंदी माह तिथि के घटने - बढ़ने के कारण 29, 30, 28 या 27 दिनों के हो सकते है। इस प्रकार प्रत्येक माह में दो पक्ष आते है। पहले 15 दिन शुक्ल पक्ष और दूसरे 15 दिन कृष्ण पक्ष के होते है। पहले 15 दिन बाद अमावस्या और फिर अगले 15 दिन बाद अर्थात माह की समाप्ति पर पूर्णिमा तिथि आती है।
पंचांग में यह क्रम प्रत्येक हिंदू माह में चलता है। शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में प्रतिपदा से लेकर चतुर्दशी तक अलग अलग तिथियां होती है। पहली तिथि को प्रतिपदा (पड़वा), दूसरी तिथि को द्वितीया (दूज), तीसरी तिथि को तृतीया (तीज) इसी प्रकार चतुर्थी (चौथ), पंचमी (पंचमी), षष्ठी (छठ), सप्तमी, अष्टमी, नवमी (नौवीं), दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी तथा चतुर्दशी तिथि कहते है। इस प्रकार चतुर्दशी तिथि के बाद अमावस्या तथा पुनः अगले 15 दिन बाद पूर्णिमा तिथि आती है और इसके बाद पूर्णिमा से फिर नया माह आरम्भ हो जाता है।
पंचांग देखने के तरीको को समझें ! पंचांग की जानकारी - Panchang Calendar
चूँकि हिंदू माह चंद्र गणना पर आधारित है इस कारण यह अंग्रेजी के सौर वर्ष से 11 दिन 3 घटी 48 पल छोटा होता है। इस प्रकार जहाँ अंग्रेजी के सौर वर्ष 365 दिन का होता है तो वही हिंदू वर्ष अर्थात पंचांग का एक वर्ष 355 दिन (तिथि) का होता है। इस कारण दोनों में प्रत्येक वर्ष लगभग 10 दिनों का अंतर आ जाता है।
ये बढे हुए दिन अर्थात तिथि चंद्रमास ही है मगर फिर भी ऐसे बढे हुए दिनों या तिथि को मलमास या अधिमास के नाम से पुकारा जाता है और इन्हे जोड़कर तीन वर्ष में एक नया माह बना दिया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक तीन वर्ष के बाद एक अतिरिक्त माह अधिमास या मलमास के रूप में जुड़ जाता है। तीन वर्ष में मलमास जिस माह के साथ पड़ जाता है, उसी माह को दोहरा दिया जाता है।
वर्ष 2023 में मलमास लगा था। इसी कारण सावन का महीना वर्ष में दो माह का हो गया था। आमतौर पर एक वर्ष में २४ एकादशी पड़ती है मगर वर्ष २०२३ में मलमास के कारण २ एकादशी अतिरिक्त जुड़ गई और इनकी संख्या बढ़कर २६ हो गई थी।
पंचांग क्या है और इसे कैसे देखी जाती है?
हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar), जिसे पंचांग कहते है, एक प्राचीन समय गणना प्रणाली है और यह अन्य उपयोगो के अलावे हिंदू त्यौहारों की तिथियां निर्धारित करने में काम आता है। पंचांग एक चंद्र-सौर कैलेंडर है।
हिंदी माह – (चंद्रमास) –
- चैत्र (चैत)
- वैशाख
- ज्येष्ठ (जेठ)
- आषाढ़
- श्रावण (सावन)
- भाद्रपद (भादो)
- आश्विन
- कार्तिक
- मार्गशीर्ष (अगहन)
- पौष (पूस)
- माघ
- फाल्गुन (फागुन)
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Hindi Calendar - पंचांग क्या है, पंचांग कैसे देखा जाता है? अंग्रेजी की तरह हिंदी महीनो को भी समझें !
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(राजीव सिन्हा दिल्ली के लेखक है। इस तरह के कंटेंट लेखन के लिए राजीव सिन्हा से आप भी संपर्क कर सकते है।)