शेयर क्या होता है ? संक्षेप में इसे उदाहरण के साथ समझें

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शेयर क्या होता है ? संक्षेप में इसे उदाहरण के साथ समझें
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Share Market

पैसा कमाना सब चाहता है। लेकिन - "पैसा कैसे कमाया जाएँ !" - यह एक कठिन प्रश्न है। और जब बात सही तरीके से जल्दी से पैसा कमाने की आये, तब तो यह और भी कठिन और पेचीदा प्रश्न बन जाता है। क्योकि जल्दी से पैसा कमाना इतना आसान नहीं है। अब ऐसा क्या किया जाएँ कि पैसा जल्द से जल्द आपके बैंक खाते में आने शुरू हो जाएँ।


वैसे जल्दी से पैसे कमाने के तरीके तो बहुत है। स्वरोजगार से भी यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। मगर इसके साथ ही एक तरीका और भी है, जिसमें बिजनेस तो कोई और करें पर उसमे अपनी इच्छा व क्षमता के अनुसार कुछ पूंजी का समावेश कर दिया जाएँ। वर्तमान में इस काम को 'शेयर खरीदना' कहते है।


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शेयर है क्या ? (Share Kya Hota Hai)


शेयर (Share) का अर्थ होता हिस्सा। हाँ वही हिस्सा, जो हम आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग करते है। जब दो व्यक्ति मिलकर कोई काम करता है तो प्राप्त लाभ को अपनी अपनी पूंजी के हिसाब से बांटता है और व्यापार में हुए लाभ में अपना - अपना हिस्सा लेता है। ठीक वैसे ही शेयर भी है। जब कोई व्यक्ति या कंपनी अपने संस्थान में पूंजी बढ़ाने के लिए लोगो से धन जुटाने की पहल करता है तो उसे अपने हिस्से का मालिकाना अधिकार लोगो के समक्ष बेचना पड़ता है, वही मालिकाना अधिकार शेयर कहलाता है। इस प्रकार, शेयर किसी कंपनी की ओवरऑल वैल्यूएशन (कुल पूंजी) का सबसे छोटा हिस्सा होता है।


इसको एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लिया किसी कंपनी की कुल पूंजी 50 लाख है। यह भी मान लेते है कि कंपनी अपनी कुल पूंजी को पांच हजार हिस्सों में बांट देती है। ऐसा करने से कंपनी के प्रत्येक हिस्से की कीमत 1000 रूपये हो गई।


Company Share Kya Hota Hai?- एक शेयर कितने का होता है?


कंपनी का बांटा गया प्रत्येक हिस्सा उस कंपनी का सबसे छोटा हिस्सा होता है और यही हिस्सा उस कंपनी का शेयर कहलाता है, फिर जो व्यक्ति उस कंपनी का शेयर खरीदता है वो शेयर के रूप में उस कंपनी का मालिकाना अधिकार को खरीदता है। किसी कंपनी का शेयर खरीदने के बाद खरीदने वाला व्यक्ति उस कंपनी का शेयरधारक (Shareholder) कहलाता है। शेयर होल्डर का अर्थ होता है हिस्सेदार। यानि कि शेयर खरीदने के बाद वो व्यक्ति अब उस कंपनी का हिस्सेदार बन चुका है। यहाँ ध्यान देने वाली बात है यह है कि शेयर खरीदने वाला व्यक्ति उतने मूल्य का ही हिस्सेदार होता है, जितने मूल्य का वो शेयर खरीदता है।


वास्तव में, शेयर एक कंपनी में हिस्सेदारी का एक प्रूफ होता है, जो यह साबित करता है कि शेयरधारक के पास उस कंपनी का स्वामित्व प्राप्त है। शेयर खरीदते ही वो व्यक्ति कंपनी के हुए लाभ और हानि का बराबर का भागीदार बन जाता है।


Share Ka Itihas


अब यदि शेयर की बात करे तो इसका इतिहास बहुत पुराना रहा है। हां यह सही है कि आज के शेयर मार्केट का सिस्टम बिलकुल अलग है, मॉडर्न है, मगर यह भी सही है की इसकी शुरुआत कई शताब्दी पहले हो गई थी।


उस समय व्यापार करने के लिए लोग जहाजों से दूर दूर देशो की यात्रा किया करते थे। इसमें रिस्क बहुत था। उन्हें समुद्री लुटेरों, प्राकृतिक हलचलों, विदेशी शासको के नियमो आदि जैसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। परिणाम यह होता था कि बहुत कम जहाज लौट कर फिर से स्वदेश आते थे। इस तरह से इसमें बहुत जोखिम था। यानि उस समय व्यापार करना एक जोखिम भरा काम होता था। लोगो को न तो विश्व के सही नक्से की जानकारी थी और न ही दूसरे देशो के नियमो और कानूनों की।


तो इस संकट को कम करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए व्यापार में लगे लोगो ने मिलकर उसके लिए लोगो से धन जुटाना शुरू कर दिया। लोग जहाजों पर धन लगाते और उसके लाभ और हानि के हिस्सेदार बन जाते।


Share Market Kya Hota Hai? शेयर बाजार क्या होता है?


किसी कंपनी का शेयर खरीदकर उस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित किया जाता है। जहाँ शेयर की खरीद - बिक्री होती है, उसे शेयर बाजार (Share Market) कहते है। शेयर की खरीद - बिक्री ऑनलाइन भी होती है।


भारत में अभी वर्तमान में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज (शेयर बाजार) हैं, जिनमें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) सबसे बड़े हैं।


राष्ट्रीय शेयर बाजार (National Stock Exchange – NSE)


बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)


Share Market In Hindi


शेयर मार्केट एक ऐसा क्षेत्र (फिल्ड/ technique) है जहाँ से कम समय में ही करोड़ो रूपये कमाया जा सकता है। कई लोगो ने कमाया भी है। कई लोग ऐसे रहे है जो जीरो से टॉप तक पहुंच गएँ। अब भी लोग कमा रहे है। एक जानकारी के अनुसार भारत में लगभग 5 प्रतिशत लोग शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करते है।


मगर अब प्रश्न यह उठता है कि - शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाया जाएँ - जब इसके बारें में कोई जानकारी ही न हो। वास्तव में, एक बिगनिंग इन्वेस्टर्स के लिए यह एक डिफिकल्ट वर्क है।


कुछ लोगो के मन में यह प्रश्न भी उठ सकता है कि कंपनियां शेयर के रूप में अपना स्वामित्व क्यों बेचती है। तो जाहिर है किसी भी काम को आगे बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है। कंपनी को भी पूंजी को इकठ्ठा करने के लिए अपना स्वामित्व बेचना होता है। इसलिए वो मार्किट से पूंजी हासिल करता है और यह कार्य शेयर के द्वारा आसानी से हो जाता है। कंपनियां अपने निवेश को आगे बढ़ाने के लिए मार्केट में शेयर को बेचती है और मार्केट से निवेश हासिल करती है।


वर्तमान में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए किसी व्यक्ति के पास कम से कम तीन सुविधाओं का होना आवश्यक है। प्रथम डीमैट अकाउंट, द्वितीय ट्रेडिंग अकाउंट और तृतीय ब्रोकर अर्थात एजेंट। इसके लिए किसी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म से संपर्क किया जा सकता है। ब्रोकिंग फर्म अपने एजेंट (शेयर दलाल) के द्वारा डीमैट अकाउंट खुलवाने में सहायता करता है। डीमैट खाता खुलने के साथ ही एक खाता धारक शेयरों की ऑनलाइन क्रय - विक्रय कर सकता है। जो व्यक्ति जिस कंपनी का शेयर खरीदता है, वो व्यक्ति उस कंपनी का शेयर धारक (शेयर होल्डर) कहलाता है।


कोई व्यक्ति बिना शेयर बाजार गए भी घर या ऑफिस से ही ऑनलाइन शेयर की खरीद - बिक्री कर सकता है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अर्थात किसी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसकी अच्छी जानकारी होनी आवश्यक है। वरना लाभ के बदले हानि भी हो सकती है। इसलिए इस फिल्ड से धन कमाने के लिए निवेशकों को बेसिक जानकारी के साथ साथ बाजार की समझ भी होनी आवश्यक है।


आज का शेयर का सिस्टम पूरी तरह से Up to date है। अब इसमें ट्रैन्स्पेरन्सी भी है। लोग आसानी से घर बैठे बड़ी बड़ी कंपनियों के शेयर खरीद बेच सकते है। मगर रिस्क अब भी है। बिना सही जानकारी के या केवल किसी के कह देने मात्र से किसी कंपनी का शेयर नहीं खरीद लेना चाहिए।



लेखन :

राजीव सिन्हा

(राजीव सिन्हा दिल्ली के जाने माने लेखक है)


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